If voltage increase, then current will increase or decrease or will remain same? / वोल्टेज बढ़ने से करंट बढ़ेगा, कम होगा या फिर कोई फर्क नही पड़ेगा?
वोल्टेज बढ़ने से करंट बढ़ेगा, कम होगा या फिर कोई फर्क नही पड़ेगा इस सवाल का जवाब जब भी आपने ढूंढने की कोशिश की होगी तो आपको हर तरह का जवाब मिला होगा। तो आज आपको इस पोस्ट में इसका सही जवाब मिलेगा कहाँ करंट कम होगा और कहा बढ़ेगा। नीचे दिए गए फ़ोटो में एक AC सप्लाई दिखाई गई है जिसमे एक लोड R जोड़ा गया है
अब मान लेते हैं हमने सप्लाई और लोड के बीच मे एक ट्रांसफॉर्मर लगा दिया जैसा कि ऊपर दिखाया गया है, तो जब हम ट्रांसफॉर्मर की गणना करते हैं तो हम पावर का फार्मूला लेते हैं जोकि P = V×I होता है। ऐसे में हम अगर ट्रांसफॉर्मर की प्राइमरी साइड की पावर कैलकुलेट कर रहे हैं तो प्राइमरी साइड की वोल्टेज और करंट लेंगे और अगर सेकंडरी साइड की पावर कैलकुलेट करनी है तो सेकेंडरी साइड की वोल्टेज और करंट लेंगे।
अब देखते हैं प्राइमरी साइड पे यहां हम वोल्टेज 50V मान लेते हैं और पावर 100W है। ऐसा नही होता कि सेकंडरी साइड पावर कुछ है और प्राइमरी साइड कुछ और पावर दोनो साइड पे बराबर ही रहती है। तो ऐसे में करंट को कम होना पड़ेगा ऐसे में वोल्टेज 10V से 50V हो गयी और करंट 10A से 2A हो गया। तो पावर यही भी 50×2 = 100W आएगी। अब मान लें वोल्टेज बढ़ के 100V हो गया, तो करंट और कम हो जाएगा लेकिन पावर के फार्मूले से पावर फिर भी वही रहेगी।
ये दोनों फार्मूले ohm's लॉ से आये हैं लेकिन दोनों ये फर्क है। एक मे वोल्टेज के साथ करंट बराबर रहता है लेकिन दूसरे में अलग अलग हो जाते हैं। इसका कारण ये है के हम ये सब कैलकुलेशन ट्रांसफॉर्मर में प्राइमरी और सेकेंडरी की बीच कर रहे हैं। और क्योंकि पॉवर तो उतनी ही रहती है इसीलिए प्राइमरी साइड वोल्टेज बढ़ने से करंट कम हो जाता है और सेकेंडरी साइड का वोल्टेज और करंट नही बदलेगा।
तो जब रेजिस्टेंस फिक्स होता है और हम रेसिस्टेंस का कैलकुलेशन करते हैं तो वोल्टेज के साथ करंट भी बढ़ता है और हम R = V/I ये फार्मूला लगाते हैं। लेकिन जब हम ट्रांसफॉर्मर का कैलकुलेशन करते हैं तो पावर का मान के चलते हैं के ट्रांसफॉर्मर के दोनों साइड पावर बराबर ही है तो ऐसे में हम P = V×I ये फार्मूला यूज़ करते हैं। ये अब ये दोनों ही फार्मूले काम करते हैं।
अब बात करते हैं UPS की ऊपर चित्र में एक UPS दिखाया है जिसको इनपुट में AC सप्लाई दी गयी है और आउटपुट में DC से ये बैटरी को चार्ज कर रहा है। जो अच्छी क्वालिटी के UPS होते हैं वो करंट को फिक्स रखते हैं। अगर करंट चेंज करना हो तो फिर भी फिक्स रखते है, जैसे कभी 10 कर दिया तो 10 रहेगा 5 कर दिया तो 5 रहेगा। इसके इनपुट में वोल्टेज कम या ज्यादा या फिर बैटरी का वोल्टेज कम या ज्यादा होने से करंट कम या ज्यादा नही होता। तो इस केस में वोल्टेज के कम या ज्यादा होने से करंट पे कोई फर्क नही पड़ता इसमे करंट फिक्स ही रहता है। लेकिन ohm's लॉ i = V/R अब भी फॉलो होता है। अब वोल्टेज बढ़ गया लेकिन करंट वही है तो ऐसे में UPS रेजिस्टेंस को बदलता रहता है, और इस तरह बदलता है के करंट पे कोई फर्क न पड़े वो फिक्स ही रहे।
अब ऊपर वाले चित्र में एक सिंपल चार्जर दिखाया है। जिसमे एक डायोड लगा है एक रेसिस्टर लगा है और इस से बैटरी चार्ज होती है। यहाँ पे भी ohm's लॉ फॉलो होता है, इसमे जो रेसिस्टर लगा है वो करंट को कंट्रोल करता है लेकिन यहाँ होता क्या है वोल्टेज बढ़ने पे यहां करंट भी बढ़ जाता है तो यहाँ i = V/R ये फार्मूला फॉलो होता है।
अभी तक हमने आपको 3 चीजे बताई, पहले केस में बताया जब फिक्स रेजिस्टेंस होता है तो उसके अस्क्रोस वोल्टेज बढ़ाने से करंट बढ़ जाता है और घटाने से घट जाता है।
दूसरा हमने ट्रांसफॉर्मर के बारे में बताया जब ट्रांसफॉर्मर की गणना करते हैं तो दोनों साइड पावर फिक्स रहती है तो जब वोल्टेज बढ़ेगी तो करंट घटेगा और वोल्टेज कम होगी तो करंट ज्यादा हो जाएगा।
तीसरा हमने UPS के बारे में बताया जहां वेरिएबल रेसिस्टर होता है वहाँ करंट फिक्स रहता है।
अब चलते हैं पावर की तरफ, अब आपको ऊपर दिये गए चित्र में एक इकविपमेंट दिखाया गया है, जिसमे एक इनपुट और एक आउटपुट जोड़ा गया है। और ये V = I×R ohm's लॉ है जो हर हालत में फॉलो होता है। अब इनपुट में जो पावर बह रही है उसे हमने P लिखा है और जो आउटपुट में पावर बह रही है वो लोड है जिसे हमने P load लिखा है। इनके अलावा एक पॉवर और होती है जिसके हमने P loss के नाम से दर्शाया है। तो अब जो P पावर होती है वो P loss + P load के बराबर होती है। अब ऐसा हो सकता है आपका आपका लोड फिक्स रहे लेकिन इनपुट पे पावर बदलती रहे, ऐसा तब होता है जब इसमे लोससेस कम या ज्यादा होते रहें, अगर इनपुट में वोल्टेज कम या ज्यादा होते रहें तो इसमें लोससेस कम या ज्यादा हो सकते हैं। तो ऐसे के पावर का फार्मूला ये होता है P = P loss + P load, मान लेते हैं हमारा लोड जो है वो एक मोबाइल चार्जर है इसमें आपने देखा होगा इसमे इनपुट पावर ज्यादा और आऊटपुट पावर बहुत कम होती है, वो इसीलिए क्योंकि मोबाइल चार्जर में पावर लॉस होती है।
हमारा इक्विपमेंट बैटरी चार्जर, UPS, पंखा, मोटर, इंडक्शन हीटर, वाशिंग मशीन या फिर बल्ब कुछ भी हो सकता है तो सभी में ohm's लॉ फॉलो होता है। अगर आपको लगता है ohm's लॉ गलत हो रहा है तो वो हमारी गलत या कम जानकारी के कारण होता है।
अब लोड हर जगह R यानी के फिक्स रेसिस्टेंट तो होता नही ये कुछ ही जगह जैसे हीटर या बल्ब में ही होता है तो ऐसे के बाकी जगह P loss + P load वाला फार्मूला काम मे आता है।
अब कभी कभी बल्ब के मामले भी ऐसा लग सकता है के V = I×R फॉलो नही हो रहा तो वो इसी लिए होता है क्योंकि बल्ब जब ठंडा होता है तो उसमें R की वैल्यू कम होती है तो करंट बढ़ जाता है लेकिन जब बल्ब गरम हो जाता है तो R की वैल्यू बढ़ जाती है और करंट कम हो जाता है। तो R की वैल्यू कम या ज्यादा होने से ऐसा होता है।
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